भारत के युवाओं के नेतृत्व में एक अग्रणी न्याय आंदोलन, जो सभी के लिए एक समान भविष्य के लिए प्रयास कर रहा है।
अभी आवेदन करेंव्हाइट टी-शर्ट मूवमेंट प्रतिरोध का एक तरीका है, जिसके जड़ें भारत के नींव में रची-बसी हुई है। यह नींव हमारे पाँच मार्गदर्शक मूल्य करुणा, एकता, अहिंसा, समानता और सबकी भलाई, का प्रतीक है।
हसिए पर रहने वाले लोगों के लिए दया और करुणा भारतीय विचारधारा के केन्द्र में थी, जिसपर भाजपा और आरएसएस आज लगातार हमले कर रहें है। कमजोर और अल्पसंख्यक वर्ग पर हिंसा की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही है। इन हमलों को रोकने का केवल एक तरीका है, और वह है भारतीयता की नींव के तरफ हमारी वापसी।
हमारा संविधान भारत की वैचारिक सभ्यता का प्रतीक है, जिसने आठ हज्जार सालों की सारी सभ्यताओं को अपने अंदर समाहित किया हुआ है।
वाइट टी-शर्ट मूवमेंट की एक पहल, काम के बन्दे युवाओं के लिए मेट्रो और टियर-2 शहरों में GIG कार्यकर्ताओं तक पहुँचने, उन्हें संगठित करने और उन्हें संगठित करने के लिए अपनी तरह का पहला राजनीतिक प्रशिक्षु कार्यक्रम है, जो नैतिक राजनीति को मुख्यधारा में लाता है।
ईस वर्ष के आर्थिक सर्वे में केंद्र सरकार के अफसरों ने खुद इस बात कुबूल किया है, जहां एक ओर कॉर्पोरेट का मुनाफा बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर श्रमिकों की आय जस की तस है। हमारी देश के नब्बे प्रतिशत श्रमिक ठेका स्तर पर काम करते है। आर्थिक सूचकांक का हर पैमाना आपको यही बताएगा की यह त्रासदी की स्थिति है, पर हमारी सरकार उद्योगपतियों के खातिरदारी में कोई कमी नहीं रखना चाहती है।
2014 में सत्ता में आने के बाद भाजपा और आरएसएस ने सिर्फ नफरत और हिंसा को प्राथमिकता दी है। राजनीतिक फायदों के लिए किए गए इन कृत्यों ने देश की राजनीतिक संस्कृति को भयानक नुकसान पहुंचाया है
जनवादी राजनीति के पतन और, नफरत के बढ़ावे के कारण देश की राजनीति में अभाव की स्थिति पैदा हो गई। इस अभाव के कारण ही गरीब और हाशिए पे पड़े लोग आज अपने संघर्ष में अकेले पड़ चुके है और उनकी आवाज कमजोर हो रही है।
धन-बल के सारे स्त्रोतों का इस्तेमाल कर भाजपा ने विरोध के सारे स्वरों को दबाने की कोशिश की है, और देश में भय का एक माहौल बनाया है। विरोध और असहमति हमारे स्वतंत्रता संग्राम की विरासत है और हमारी विकास के सहयोगी, हमारे पूरा प्रयास होना चाहिए कि हम इन आवाज़ों हर तरीके से जिंदा रखें।
भारत के वो युवा जो कि ऊपर उल्लेखित बातों को समझते है, हम उनमें जागरूकता फैलाकर उनकी राजनीतिक क्षमता का विकास करना चाहते है। राजनीतिक ट्रेनिंग और शिक्षा भाजपा के धन बल को हराने में हमारे सहायक होंगे
मूवमेंट के दौरान सक्रिय रहने वाले सदस्यों को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपने इलाकों में लोगों को संगठित करने की जिम्मेदारी सौंपेगी एवं उन्हें संगठन में जगह देगी।
एक सदी पहले, महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, जहाँ ब्रिटिश कंपनियों ने स्थानीय किसानों को बिना किसी अधिकार या सुरक्षा के नील की खेती करने के लिए मजबूर करके उनका शोषण किया था। आज, हम इसी तरह का पैटर्न देखते हैं, जहाँ कुछ निगम प्लेटफ़ॉर्म के काम पर एकाधिकार कर लेते हैं, जिससे श्रमिकों को उचित व्यवहार और सुरक्षा नहीं मिल पाती।
इन अन्यायों को दर्ज करने के गांधी के मिशन ने औपनिवेशिक शासन के खिलाफ़ पहला संगठित प्रतिरोध शुरू किया, और असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और हाल ही में भारत जोड़ो यात्रा जैसे आंदोलनों ने इस विरासत को आगे बढ़ाया है, जिससे आर्थिक और सामाजिक अन्याय के बारे में जागरूकता बढ़ी है।
हमारा लक्ष्य प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के अधिकारों की वकालत करके इस परंपरा को जारी रखना है।
नहीं, यह परियोजना स्वैच्छिक आधारित है, जिसका मकसद है:
भारत के टियर-1 और टियर-2 शहरों में रहने वाले युवा।
यह कार्यक्रम प्रदान करता है:
यह कार्यक्रम 100 दिनों तक चलता है और सुनिश्चित करने के लिए एक फ़िल्टरिंग प्रक्रिया शामिल है कि प्रतिभागी जुड़े रहें।
यह कार्यक्रम समावेशी है, इसलिए कारण के प्रति प्रतिबद्धता सबसे महत्वपूर्ण है। जिनके पास मजबूत सामग्री निर्माण या डेटा विश्लेषण कौशल हैं, उनके पास कोर टीम के भीतर अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ हो सकती हैं।
कोई निश्चित दैनिक लक्ष्य नहीं है, लेकिन प्रशिक्षुओं को परियोजना में पूरी तरह से शामिल होने के लिए प्रति दिन कम से कम पांच प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के साथ बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।